फ़्रान्सीसी क्रान्ति (French Revolution)
- 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रांति (French Revolution) आधुनिक युग की एक महत्त्वपूर्ण घटना थी।
- यह क्रांति (French Revolution) निरंकुश राजतंत्र, सामंती शोषण, वर्गीय विशेषाधिकार तथा प्रजा की भलाई के प्रति शासकों की उदासीनता के विरुद्ध प्रारंभ हुई थी।
- उस समय फ्रांस में न केवल शोषित और असंतुष्ट वर्ग की विद्दमान थे, बल्कि वहाँ के आर्थिक और राजनैतिक ढाँचा में भी विरोधाभास देखा जा सकता था।
- राजनैतिक शक्ति का केन्द्रीकरण हो चुका था।
- सम्पूर्ण देश की धुरी एकमात्र राज्य था।
क्रांति के कारण
- राजनीतिक परिस्थितियाँ
- सामाजिक परिस्थितियाँ
- आर्थिक परिस्थितियाँ
- विचारकों / दार्शनिकों की भूमिका
- अन्य कारण
- तात्कालिक कारण
1. राजनीतिक परिस्थितियाँ
ü निरंकुश राजशाही
ü राजदरबार की विलासिता
ü प्रशासनिक भ्रष्टाचार
ü अतिकेन्द्रीकृत प्रशासन
ü प्रशासनिक अव्यवस्था
ü न्याय व्यवस्था की दुर्बलता
ü व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अभाव
2. सामाजिक परिस्थितियाँ
ü फ्रांसीसी समाज विषम और विघटित था। वह समाज तीन वर्गों में विभक्त था।
ü पादरी वर्ग - धर्मगुरू -
ü कुलीन वर्ग -उच्च प्रशासनिक अधिकारी
ü जनसाधारण - किसान , मजदूर , शिल्पी , मध्यम वर्ग ( साहुकार , व्यापारी , शिक्षक , वकील , डॉक्टर , लेखक , कलाकार , कर्मचारी आदि सम्मिलित थे । )
3. आर्थिक परिस्थितियाँ
ü अव्यवस्थित अर्थव्यवस्था
ü दोषपूर्ण कर व्यवस्था
ü कर – वसूली के प्रणाली
ü व्यापारिक एवं व्यावसायिक अवरोध
ü बेकारी की समस्या
ü सैनिक का असंतोष
4. विचारकों / दार्शनिकों की भूमिका
मॉण्टेस्क्यू ( 1689-1755 ई . )
- पुस्तक ' द स्पिरिट ऑफ लॉज ( The Spirit of Laws ) राजा के दैवी अधिकारों के सिद्धान्तों का खण्डन
- फ्रांसीसी राजनीतिक संस्थाओं की आलोचना
- " शक्ति के पृथक्करण " का सिद्धान्त
रूसो
- पुस्तक " सोशल कॉन्ट्रैक्ट "
- मनुष्य की स्वतंत्रता की बात - ' मनुष्य स्वतंत्र पैदा होते हुए भी सर्वत्र जंजीरों से जकड़ा हुआ है ।
- फ्रांसीसी क्रांति का नारा - "स्वतंत्रता , समानता और बंधुत्व"
- नेपोलियन ने कहा - ' यदि रूसो नहीं होता तो फ्रांस में क्रांति नहीं होती '
5. अन्य कारण
- मध्यवर्ग की जागरूकता
- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का प्रभाव
6. तात्कालिक कारण
- लुई सोलहवाँ की अयोग्यता – फ्रांस में विषम परिस्थिति होते हुए भी संभवतः क्रांति नहीं होती अगर शासन का बागडोर एक योग्य राजा के हाथों में होती।
- लुई सोलहवाँ मात्र 20 वर्ष की आयु में 1774 में गद्दी पर बैठा।
- उसमे प्रशासनिक अनुभव नहीं था।
- वह प्रशासन चलने में असमर्थ था उसका सारा समय भोग विलास में व्यतीत होता था।
- उस समय फ्रांस में आर्थिक संकट छाया हुआ था और राज्य तेजी से दियालीयपन की ओर बढ़ रहा था।
- जो फ्रांस की क्रांति का एक महवपूर्ण कारण था।
क्रांति के विभिन्न चरण
- प्रथम चरण - 1789-1792 ई. संवैधानिक राज तंत्र का चरण
- द्वितीय चरण - 1792-1794 ई. उग्र गणतंत्रवाद का चरण
- तृतीय चरण - 1794-1799 ई. उदार गणतंत्रवाद का चरण
- चतुर्थ चरण - 1799-1814 ई. तानाशाही एवं साम्राज्यवादी चरण
क्रांति का प्रभाव
- स्वतंत्रता , समानता एवं बंधुत्व के नारे का प्रसार
- लोकतांत्रिक सिद्धान्त का विकास
- सामंतवाद की समाप्ति
- राष्ट्रवाद का प्रसार
- धर्मनिरपेक्षता की भावना का प्रसार
- सैन्यवाद का विकास
- अधिनायकवाद की शुरुआत
- समाजवाद का मार्ग प्रशस्त
प्रमुख घटनाएं
- क्रांति का आरंभ
- टेनिस कोर्ट की शपथ
- राष्ट्रीय सभा
- बास्तीन का पतन
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The E Nub & Nub Info
By Vishwajeet Singh







